top of page

‘My World’ is a series of insights on gender issues by the people for the people

Updated: Mar 9, 2021

A poem by Yogesh Gokhale

Yogesh Gokhale is an IT professional with a degree in computer science. He lives in Pune, Maharashtra and is an avid reader and amateur writer. He loves writing poems and stories which has some social clause.

ree

बेड़ टी ऑन विमेन्स डे


आज का इक दिन

वह जल्दी उठ जाएगा

तुम्हारे लिये चाय बनाएगा

चाय देने से पहले इक

” बढ़िया सेल्फ़ी” लेना नहीं भूलेगा

हमेशा की तरह तुम खुश हो जाओगी

और फिर हर जगह झलक उठेगा

’ बेड टी फ़्रोम माय डीअर हबी’

उसके फ़ेसबुक,इंस्टा स्टोरी और व्हाटसअप पर

और फिर दिनभर वो गिनता रहेगा

लाइक्स और हार्ट्स

लेता रहेगा बधाइयाँ और

भेजता रहेगा ख़ुशनुमा जवाब


तुम उठोगी

अपने साथ उसका भी बिस्तर समेटोगी

रसोईघर में

चाय और चीनी के डब्बे

वैसे ही पड़े होंगे

गिरा हुआ थोडासा दूध

खुला पड़ा दूध का बर्तन

चाय की गंदी छाननी

सिंक में पड़े रात के गिलास

वैसे ही पड़े होंगे


असल में यह फ़ोटो

वाइरल होना ज़रूरी है

पर तुम ऐसा नहीं करोगी

और फिर आनेवाले कई शतक

पीढ़ी दर पीढ़ी हम

‘ महिला दिन’ मनाते रहेंगे


ऐसा जिन घरों में नहीं होगा उन सबको

महिला दिवस की शुभ कामनाएँ!

 
 
 

Comments


Post: Blog2_Post

Subscribe Form

Thanks for submitting!

  • Facebook
  • Twitter

©2020 by Samvedana. Proudly created with Wix.com

bottom of page